Friday, 7 November 2014

लघुकथा

बेदर्द लोग (लघुकथा)

राजेश ने शराब के नशे में अपनी आठ महीने के गर्भ से पत्नी को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई।
लोगों ने इकट्ठा होकर राजेश को सांत्वना दी और समझाया कि जो होना था सो गया। अब मामले को यहीं दबाकर इसका अंतिमसंस्कार कर दिया जाए।
श्मशानघाट में राजेश ने नम आँखों से अपनी पत्नी को अग्नि दी। थोड़ी देर बाद एक धमाका हुआ और एक तड़पता हुआ बच्चा अग्नि से बाहर आकर गिरा शायद वह जिंदा था। लोगों ने उसे उठाकर फिर से अग्नि के हवाले कर दिया क्योंकि वह बच्चा लड़की थी।

-विनोद खनगवाल

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